[smartslider3 slider="2"]

Pallavi Rastogi

पल्ल्वी रस्तोगी, एक ऐसी रचनाकार जिनका साहित्य प्रेम कई वर्षों तक जीवन-रूपी समंदर की धाराओं में बिन मांझी की नौका की तरह जैसे गोते लगाता रहा । समय बीतता गया और इन्होंने अपने जीवन में आने वाले कई उतार-चढ़ाव देखे और काफी अंतराल के बाद भी जब ये साहित्य रूपी सारथी उनके साथ बना रहा, तब उन्होंने अपनी माता एवं गुरुओं के आशीर्वाद के साथ अपने साहित्य प्रेम की नैया को खेने का निर्णय किया । 

यह कहानी संग्रह उनकी पहली रचना है जो अधिकांशतः उनके आस-पास घटित होने वाली घटनाओं का काल्पनिक मिश्रित रूपांतर है । इन कहानियों के माध्यम से पल्लवी भारतीय मूल के विभिन्न समाजों के मध्यम वर्गीय व साधारण जीवन व्यतीत करने वाले सामान्य परिवारों की छोटी-छोटी घटनाओं को गहराई से प्रस्तुत करती हैं । 

पेशे से एक बिजनेस कंसलटेंट हैं और कई वर्षों से नेदरलॅंड्स में रह रही हैं । इन्होंने अपना बचपन उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर के एक कस्बे मिलक में व्यतीत किया तथा दिल्ली एवं नोएडा में आभियांत्रिकी में शिक्षा ग्रहण की । एक बेटी, एक पत्नी और एक माँ होने के साथ-साथ आधुनिक समाज में रहने वाली एक कामकाजी महिला हैं और भविष्य में अपने पाठकों को अपने साहित्य और काव्य के माध्यम से आनंदित करना चाहती हैं ।

My Cart
Wishlist
Recently Viewed
Compare Products (0 Products)
Compare Product
Compare Product
Compare Product
Compare Product
Categories